प्रकृति
प्रकृति
प्रकृति द्वारा रचित इंसान,
प्रकृति का दोहन किया।
ईश्वर की सुंदर रचना को,
तोड़ मरोड़ कर रख दिया।
हमने प्रकृति से बहुत खेला,
अब प्रकृति हमसे खेल रही।
आज हमने प्रकृति ना बचाई,
तो क्या इंसान बच पाएंगे,
जितना है इस युद्ध को,
तभी मानव रह पाएंगे।
