STORYMIRROR

Padma Verma

Abstract

4  

Padma Verma

Abstract

" प्रेम का रास्ता"

" प्रेम का रास्ता"

1 min
273


   प्रेम में इतना दम है

   कि, दुश्मन अपने हो जाते हैं

   बिना हिंसा किए,

   साक्षात गवाह महात्मा गांधी हैं।


   प्रेम का रास्ता सहज, सरल है। 

   निस्वार्थ भाव से चलते से जाओ,

   स्वार्थ वाला प्रेम फलता नहीं है।

   कपट वाला प्रेम बढ़ता नहीं है।


   जीवन में आगे बढ़ना है,

   लोगों को अपने वश‌ में करना है

   सफलता की ओर बढ़ना है,

   तो प्रेम का रास्ता अपनाना होगा।


    सच्चे प्रेम पुजारी जो हैं,

    उनका इतिहास में नाम है,

    पूजे जाते हैं वो संसार में

    वे लोगों के पथ प्रदर्शक हैं।


    जैसे

भगवान में शिव -पार्वती

    राधा - कृष्ण, राम - सीता।

   संसार में अपने प्रेम की मिसाल हैं 

   शीरी- फरहाद, हीर - रांझा।


    प्रेम की दुनिया अजब निराली है।

    उसमें न कोई अपना है न पराया,

    प्रेम में जो डूबता है उसकी नैया

   पार कर जाती है संसारिक नदिया। 


    जीवन दुःख - सुख का मिश्रण है,

    प्रेम का रास्ता जिसने चुना,

    उसने दुःख सहने की शक्ति पाई,

   दुःख में ही सुख की अनुभूति पाई।


    प्रेम का बन्धन है ऐसा बन्धन जो

   चेतन - अचेतन, धरती- आसमान

  लौकिक - अलौकिक में सबसे ऊपर 

   जीवन का सार बस प्रेम ही तो है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract