प्लास्टिक
प्लास्टिक
अद्भुत है खोज विज्ञान की
प्लास्टिक का दिया नाम है,
सरल सहज है उपयोग करना
धीरे-धीरे असली रूप है यह दिखाता,
दूषित कर धरती को हमारी
सेंध हमारी धरती में है लगाता,
बिन सोचे समझे जो उपयोग हम कर रहे
दूरगामी परिणाम ना हम देख ना हम सोच रहे,
विकट कितनी है स्थिति होने वाली
दूषित हवा होती प्लास्टिक जलाने से
मिट्टी दूषित हो रही इसके कभी ना गल जाने से,
किसी भी जीव की जान पर बन आती है
जो यह गले में फंस जाती है
दिखने छूने में कोमल है
मगर जाल प्रदूषण का फैलाए है
इतना विकराल इसका रूप
अस्तित्व खतरे में खुद का आए है,
खुद को और पर्यावरण को होगा बचाना
कठोर कदम होगा उठाना,
हर गली हर नुक्कड़ पर दिखती
इसी की भरमार है रुकना होगा हमें अभी
अगर जीवन से हमें प्यार है
150 ग्राम का फोन साथ में
250 ग्राम का पावर बैंक
हम जरूर उठाएंगे मगर
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50 ग्राम का कपड़े का और
जूट का थैला कभी घर में ना लाएंगे,
विडंबना है यह देश की मेरे कि दिन में
जो अधिकारी प्लास्टिक के
थैलों का चालान करते हैं
शाम को वही उन थैलों में
घर का सामान भरते हैं
save earth save environment
हम बच्चों को सिखाते हैं
मगर स्कूल के लिए प्लास्टिक का टिफिन,
प्लास्टिक की बोतल उन्हें दिलाते हैं,
biodegradable option है
हर चीज का मगर हम आदी हो चुके हैं
इतना कि हम हर ज्ञान की उपेक्षा किया करते हैं,
खाना पानी साबुन तकिया जैसी हर चीज
में प्लास्टिक use किया करते हैं,
आओ मिलकर प्रण लें सभी
प्लास्टिक को त्यागें अभी के अभी,
कुछ सीखे दुनिया के देशों से जहां
प्लास्टिक की सड़कें तक बना दी जाती हैं,
ना गले ना सड़ने वाले पदार्थ का
कुछ अच्छा इस्तेमाल करें
अपनी धरती मां का बोझ
चलो कुछ कम करें।