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चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज

Inspirational

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चेतना प्रकाश चितेरी , प्रयागराज

Inspirational

पिता

पिता

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पिता का आशीर्वाद 

हरे दुर्वा दल के जैसा ;

जिंदगी में कभी अपने को कमजोर न समझना ,

थोड़े से में भी खुश रहना।


पिता का दुलार

शहद के जैसा ;

मातृभूमि रक्षा हेतु ,धूलि तिलक कर ,

वीर पुत्र को रण क्षेत्र में भेजते ,


पिता की डांट 

नीम के जैसा ;

हमारे अंतर्निहित दुर्गुणों को दूर कर देते ,


पिता की फटकार

नारियल के जैसा ;

हमें हर मुश्किलों से लड़ना सिखाते,


पिता का हृदय

सागर के जैसा ;

हमारी बड़ी गलतियों को भी क्षमा कर , 

नेक राह पर चलने को कहते ,


पिता की सीख

चेतना प्रकाश जैसा ;

जीवन के हर मोड़ पर

अर्थ से भी मूल्यवान ।


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