फर्क क्या है ?
फर्क क्या है ?
अगर तू नहीं है तो फर्क क्या है
क्या में आसूंओं सा टपक जाऊंगा।
माना तेरी जरूरत महसूस होती है
तो क्या में तेरे लिए तरस जाऊंगा।
तुझसेे हुई दिल्लगी
आखरी दिल्लगी होगी मेरी
मै कोई आवारा बादल नहीं
जो फिर कहीं बरस जाऊंगा।
अगर तू नहीं है तो फर्क क्या है
क्या में आसूंओं सा टपक जाऊंगा।
माना तेरी जरूरत महसूस होती है
तो क्या में तेरे लिए तरस जाऊंगा।
तुझसेे हुई दिल्लगी
आखरी दिल्लगी होगी मेरी
मै कोई आवारा बादल नहीं
जो फिर कहीं बरस जाऊंगा।