पहली बार
पहली बार
उसे पहली बार देखा था तो लगा एक सपना सा था,
किसी पराये मैं मानो कोई अपना सा था,
क्युकी उस लाल रंग मै कोई लग नहीं सकता था,
वो जुमका किसी और पे उतना अच्छा सज नहीं सकता था,
वो इतनी ख़ूबसूरत थी की खूबसूरती उससे शर्मा रही थी,
न जाने क्यों वो इस दिल को पागल बना रही थीl