फ़िर से तुम्हारा होना है
फ़िर से तुम्हारा होना है


सुनो ना कुछ बातें करनी है तुमसे
कुछ तुम्हे सुनना है कुछ अपना सुनाना है
गुजरी बातों की कड़वाहट बिना दिल में लाये
तुम्हे हर पल प्यार करना है
वो तुम्हारी प्यारी सी अल्हड़ हँसी
कभी ना ख़तम होने वाले वो किस्से सुनने हैं
फिर जब तुम जाने को बोलो तो उसी हक़ से हाथ थाम रोकना है तुमको
कुछ पल सब कुछ भूल बस तुम्हारी आँखो में खोना है मुझे
आखिर तुमसा कोई समझता भी तो नही ना मुझको
खुद में पूरा होने का अहसास फिर से जीना है मुझे
कुछ पल फिर से तुम्हारा होना है मुझे!