Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Parwati Dhyani

Inspirational

4  

Parwati Dhyani

Inspirational

पहचान

पहचान

1 min
232


भीड़ में चलोगे तो खो जाओगे, इसलिए भीड़ से कुछ अलग चलो, 

भीड़ से कुछ अलग चलो कि सबकी दृष्टि तुम पर हो, 

बन कर प्रेरणा के स्रोत, तुम अलग ही दरिया में बहो। 

दरिया वह जो सींचे सपनो को, दरिया वह जो खीचे अपनो को

दरिया वह कि जिसकी शीतलता तन मन को पावन कर दे, 

दरिया वह कि जिसकी निर्मलता अंतर्मन को स्वच्छ कर दे। 

स्वच्छ इतना कि टिम टिमाओ उस तारे सा, 

जो लघु चाहे हो किंतु घोर अंधकार में अस्तित्व को नही खोता

अस्तित्व को नही खोता पथ प्रदर्शक बन जाता है। 

पथ प्रदर्शक ऐसा कि जो बदल दे समाज की दिशा को। 

उस नई दिशा में ले जाए जहाँ न विषाक्त काँटे उनके पग को छीले, 

जहाँ न चुभती नज़रें, उसके मर्म को उधlड़े 

भीड़ तो भीड़ है जो पड़ी हो या खड़ी हो, बेचैन तुम्हे कर देगी

तुम कितनी भी कोशिश कर लो, अपने आगोश में ले लेगी। 

मिटा देगी अस्तित्व तुम्हारा, अपना अंग बना लेगी

भीड़ का अंग बन कर तुम खुदअनंग बन जाओगे, भीड़ मे चलोगे तो खो जाओगे। 

भीड़ में चलोगे तो खो जाओगे, इसलिए भीड़ से कुछ अलग चलो। 



Rate this content
Log in

More hindi poem from Parwati Dhyani

Similar hindi poem from Inspirational