पेड़ लगाएं
पेड़ लगाएं
पर्यावरण प्रदूषण रोकें ,
घर घर अलख जगाएं हम।
हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए,
तो धरती महकाए हम ।।
लें संकल्प लगाएं पौधे ,
और उन्हें हम पालें भी ।
बढ़ती गर्मी को हम रोकें,
रस्ता कोई निकालें भी ।।
परेशान हैं जीव जन्तु सब ,
इनको देखें भालें भी ।
पर्यावरण करें संरक्षित ,
हम कर्तव्य निभालें भी ।।
अभिशापित है शायद दुनिया,
ये विध्वंस रूकेगा तब ।
हरियाली ओढ़ाकर इसको ,
दुल्हन नई बनाएं हम ।।
पर्यावरण प्रदूषण रोकें ,
घरघर अलख जगाएं हम ।
हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए,
तो धरती महकाएं हम ।।
है विकास संतुलित नहीं ये ,
जंगलों का कटते जाना ।
मल्टी कंकरीट की करना ,
खड़ी और फिर इठलाना ।।
हद से ज्यादा दोहन जल का,
कर जन जन को तरसाना।
धुंआ गगन में फैलाकर के ,
तेजाबी बारिश लाना ।।
बहुत जरूरी ये सब रोकें ,
कमर बांध आगे आएं ।
अगर चाहते खुशियां देकर,
भावी कल को जाएं हम।।
पर्यावरण प्रदूषण रोकें ,
घर घर अलग जगाएं हम।
हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए,
तो धरती महकाएं हम ।।
हरियाली सुख सारे देती ,
क्यों न इसको मानें हम ।
धरती का श्रृंगार यही है ,
सच्चा पहचानें हम ।।
पेड़ लगाने से कतराते ,
लाभों से अनजाने हम ।
जीवन मुश्किल बना रहे हैं ,
कैसे कहें सयाने हम ।।
ऐ "अनन्त" ये सोचें समझें ,
किसके लिए जरूरी क्या।
वक्त चाहता है परिवर्तन ,
बीड़ा आज उठाएं हम ।।
पर्यावरण प्रदूषण रोकें ,
घर घर अलख जगाएं हम ।
हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए,
तो धरती महकाएं हम ।।
