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Akhtar Ali Shah

Inspirational

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Akhtar Ali Shah

Inspirational

पेड़ लगाएं

पेड़ लगाएं

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पर्यावरण प्रदूषण रोकें ,

घर घर अलख जगाएं हम।

हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए,

तो धरती महकाए हम ।।


लें संकल्प लगाएं पौधे ,

और उन्हें हम पालें भी ।

बढ़ती गर्मी को हम रोकें,

रस्ता कोई निकालें भी ।।

परेशान हैं जीव जन्तु सब ,

इनको देखें भालें भी ।

पर्यावरण करें संरक्षित ,

हम कर्तव्य निभालें भी ।।

अभिशापित है शायद दुनिया,

ये विध्वंस रूकेगा तब ।

हरियाली ओढ़ाकर इसको ,

दुल्हन नई बनाएं हम ।।

पर्यावरण प्रदूषण रोकें ,

घरघर अलख जगाएं हम ।

हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए,

तो धरती महकाएं हम ।।


है विकास संतुलित नहीं ये ,

जंगलों का कटते जाना ।

मल्टी कंकरीट की करना ,

खड़ी और फिर इठलाना ।।

हद से ज्यादा दोहन जल का,

कर जन जन को तरसाना।

धुंआ गगन में फैलाकर के ,

तेजाबी बारिश लाना ।।

बहुत जरूरी ये सब रोकें ,

कमर बांध आगे आएं ।

अगर चाहते खुशियां देकर,

भावी कल को जाएं हम।। 

पर्यावरण प्रदूषण रोकें ,

घर घर अलग जगाएं हम।

हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए,

तो धरती महकाएं हम ।।


हरियाली सुख सारे देती ,

क्यों न इसको मानें हम ।

धरती का श्रृंगार यही है ,

सच्चा पहचानें हम ।।

पेड़ लगाने से कतराते ,

लाभों से अनजाने हम ।

जीवन मुश्किल बना रहे हैं ,

कैसे कहें सयाने हम ।।

ऐ "अनन्त" ये सोचें समझें ,

किसके लिए जरूरी क्या।

वक्त चाहता है परिवर्तन ,

बीड़ा आज उठाएं हम ।।

पर्यावरण प्रदूषण रोकें ,

घर घर अलख जगाएं हम ।

हर व्यक्ति एक पेड़ लगाए,

तो धरती महकाएं हम ।।


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