पैसा
पैसा
मै ऐसा हूँ ना वैसा हूँ
मैं धन ,दौलत ,बैभव ,किस्मत मैं पैसा हूँ।
ना मैं खुशबू, ना मैं खूबसूरत
फिर भी दुनियां चलती
मेरी चाहत ,आहट से
मोहब्बत, नफरत, चाल,
चरित्र चेहरा हूँ मैं ऐसा हूँ ना वैसा हूँ
धन दौलत बैभव किस्मत में पैसा हूँ।
सुनता नहीं कुछ ,देखता
नहीं कुछ ,बोलता नहीं कुछ
मुँह ,आँख ,कान नहीं मेरे
अँधा, गूंगा ,बहरा हूँ।
उल्लू पर बैठा हूँ मैं ऐसा हूँ ना
वैसा हूँ मैं धन दौलत बैभव किस्मत मैं पैसा हूँ।
मेरे वर्ण के नाम अनेकों
जब कोई मानव मेहनत
करता मेरी सर्वोत्तम पसंद
संग उसके मैं रहता
कोई मुझको हासिल करता
छल ,छद्म से भ्रष्ट्र ,भ्रष्टाचारी
कहलाता मैं मानव से जाने
क्या करवाता हूँ मैं ऐसा हूँ ना
वैसा हूँ मैं धन दौलत बैभव मैं पैसा हूँ।।
मेरे रंग रूप अनेकों
युग संसार का भाग्य विधाता हूँ
मैं पैसा हूँ मैं ऐसा हूँ ना वैसा हूँ
धन दौलत बैभव मैं पैसा हूँ।।
प्यार ,इश्क ,मोहब्बत का जूनून
ताकत ,सुरूर खुशबू खूबसूरत
यौवन की मादकता ,हाला, प्याला
रंगशाला मधुशाला हूँ मैं ऐसा हूँ ना
वैसा हूँ मैं धन दौलत बैभव किस्मत मैं पैसा हूँ।
मैं नहीं तो -भय, भूख, बीमारी, लाचारी ,जरा जवानी
निठाला ठन ठन गोपाला हूँ
धन दौलत बैभव किस्मत नश्वर निराला हूँ मैं पैसा हूँ।
जन्म ,जीवन का मैं अस्तित्व
शक्ति ,साहस ,शौर्य, चमक
जीवन में जीवन महत्व का मैं
बोल बाला हूँ मैं ऐसा हूँ ना वैसा हूँ
मैं धन दौलत बैभव किस्मत ,मैं पैसा हूँ।
चलते जीवन की बात ही छोडो
मरने के बाद जीव जीवन मूल्यों का रखवाला हूँ।
ऐसा हूँ ना वैसा हूँ धन की दौलत बैभव किस्मत मैं पैसा हूँ।
सर की पगड़ी शाला और दो
शाला जीवन में ,जीवन के
बाद कफ़न ,कब्र ,श्मशान ,श्राद्ध
स्वर्ग ,नर्ग का दाता हूँ ।
ऐसा हूँ ना वैसा हूँ धन दौलत बैभव किस्मत मैं पैसा हूँ।
घृणा ,प्रेम, ख्याति ,शक्ति ,हस्ती
मस्ती मैं ही आफत मैं ही राहत
मैं ही मान प्रतिष्ठा अपमान
मैं ही शैतान ,मैं ही हैवान
महल ,अटारी, बंगला ,गाडी
गृहलक्ष्मी नारी हूँ मैं ऐसा
हूँ ना वैसा हूँ मैं धन दौलत बैभव किस्मत मैं पैसा हूँ।
मुझे कोई जबरन हासिल करता
क्रूर दुष्ट डाकू ,बेईमान कहलाता
किसी को मैं लूटता नंगा खूंखार अपमानित हो जाता ।
सड़क ,बिजली, पानी
स्वस्थ ,शिक्षा, भिक्षा और परीक्षा सरकारी हूँ
मैं ऐसा हूँ ना वैसा हूँ धन दौलत बैभव किस्तम मैं पैसा हूँ।
युग संसार में मेरी महिमा
न्यारी है मन्दिर, मस्जिद ,चर्च,
गुरुद्वारे में मैं ही वारि वारि हूँ
मैं ऐसा हूँ ना वैसा हूँ धन दौलत बैभव किस्मत मैं पैसा हूँ।
काशी ,काबा ,मक्का और मदीना
ध्यान, धर्म ,पूण्य कर्म खैरात जकात पर्व ,तीज, त्यौहार
खुशियाँ वसंत बहार आला और निराला हूँ
मैं ऐसा हूँ ना वैसा हूँ धन दौलत बैभव किस्मत मैं पैसा हूँ।