पायी है येआजादी
पायी है येआजादी
हम को अपनी जान से भी प्यारी है ये आजादी,
सैकड़ों वर्षों की गुलामी के बाद पायी है ये आजादी,
अठारह सौ सत्तावन में क्रान्ति का बिगुल बजा,
सभी क्रान्तिकारियों ने मिलकर कितना संघर्ष किया,
भूखे रहकर, कष्ट सहकर दिलवाई है ये आजादी।
हम को अपनी जान से भी प्यारी है ये आजादी.....
भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, और ऊधम सिंह हुए शहीद,
आजादी के थे वो मतवाले उनको थी मातृभूमि से प्रीत,
उनके युवा जीवन के बलिदानों से पायी है ये आजादी।
हम को अपनी जान से भी प्यारी है ये आजादी.....
रानी लक्ष्मीबाई ने जम कर अंग्रेजों से करी लड़ाई,
सुभाष चन्द्र बोस ने अपनी आजाद हिन्द फौज बनाई,
चन्द्र शेखर आजाद के गोली खाने से पायी है ये आजादी।
हम को अपनी जान से भी प्यारी है ये आजादी.....
वीर सावरकर, अश्फाउल्लाह, गोखले और तिलक महान,
नेहरू, नौरोजी, पटेल और गांधी जी का निस्वार्थ योगदान,
इन सबके अथक परिश्रम से पायी है ये आजादी।
हम को अपनी जान से भी प्यारी है ये आजादी.....
भारत के देशवासियों तुझको है सौगंध मातृभूमि की,
जान पर खेल के अपनी, करोगे रक्षा तुम इस आजादी की,
खून गिरा लाखों वीरों का धरती पर तब पायी है ये आजादी।
हम को अपनी जान से भी प्यारी है यह आजादी.....