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हर सवाल का जवाब लिए बैठे हैं, होठों पर इक गुलाब लिए बैठे हैं। हर सवाल का जवाब लिए बैठे हैं, होठों पर इक गुलाब लिए बैठे हैं।
उनके युवा जीवन के बलिदानों से पायी है ये आजादी। उनके युवा जीवन के बलिदानों से पायी है ये आजादी।
हम फिर संग-संग हर त्योहार मनाएंगे क्या वापस दिन वो फिर आएंगे। हम फिर संग-संग हर त्योहार मनाएंगे क्या वापस दिन वो फिर आएंगे।
जिस घड़ी की आस लिए थे हम वो तो आएगी जिस घड़ी की आस लिए थे हम वो तो आएगी
दिलों में सुलग रहे नफरत की आग को बुझाने के लिए चलो मोहब्बत की बारिश की जाए दिलों में सुलग रहे नफरत की आग को बुझाने के लिए चलो मोहब्बत की बारिश की जाए
पवन चली मन को झकझोर मचा है शोर पवन चली मन को झकझोर मचा है शोर