Krishna Khatri
Inspirational
जल ही जीवन है
गर जीवन बचाना है
जल की हर बूंद को
बचाना होगा
जल सूखा तो
समझो जीवन सूखा
खूख जाएगी
ये ज़मीन भी
छिड़कने लगेगा
सीना उसका
यह तिड़कन
जाने कितनों का
उतार देंगी पानी
इंसानियत भी
हो जाएगी पानी-पानी !
यही इल्तिजा ह...
जब तक मीठा न ...
फितरत !
जी भर के जी ल...
जी लेंगे हम द...
आंखों ने देखा...
खलिश !
अश्रु मेरे .....
मां तुम अमृता...
कुछ लम्हे आज भी याद आते हैं जिन्हें हम शब्दों में बयां नहीं कर पाते । कुछ लम्हे आज भी याद आते हैं जिन्हें हम शब्दों में बयां नहीं कर पाते ।
छोड़कर सब जग के सोच -विचार खेल इन रंगो से सारे.. प्रीत कर प्यारे छोड़कर सब जग के सोच -विचार खेल इन रंगो से सारे.. प्रीत कर प्यारे
लाखों ठोकरें खाईं जमाने की, पर तुमने ही दिया सहारा लाखों ठोकरें खाईं जमाने की, पर तुमने ही दिया सहारा
कोरोना हो या कोई और बीमारी, फैलाव की रोकथाम में, आदतों में बदलाव जरूरी है। कोरोना हो या कोई और बीमारी, फैलाव की रोकथाम में, आदतों में बदलाव जरूरी ...
शक्ति जगा भीतर की, केवल सत्य से डर तू। शक्ति जगा भीतर की, केवल सत्य से डर तू।
समय कभी रुकता नहीं ये जगजाहिर है समय कभी रुकता नहीं ये जगजाहिर है
उस परिंदे को उड़ा सकूँ जिसमें उड़ सकने की ताकत न हो उस परिंदे को उड़ा सकूँ जिसमें उड़ सकने की ताकत न हो
दही चूड़ा तिलकुट है मजा खूब लेना वहा भूखे प्यासों की भूख चलो मिटायें! दही चूड़ा तिलकुट है मजा खूब लेना वहा भूखे प्यासों की भूख चलो मिटायें!
तू क्यों सोचता तू आसमान है, जब मै आकाश गंगा पूजता। तू क्यों सोचता तू आसमान है, जब मै आकाश गंगा पूजता।
मनुष्य का क्रोध खतरनाक होता, मनुष्य का क्रोध मनुष्य को बर्बाद कर देता। मनुष्य का क्रोध खतरनाक होता, मनुष्य का क्रोध मनुष्य को बर्बाद कर देता।
जिन्होंने जीवन देकर के यह संसार हमें दिखलाया जिन्होंने जीवन देकर के यह संसार हमें दिखलाया
जो है वो कह दे ना, मेरी कलम ! लिख दे ना। जो है वो कह दे ना, मेरी कलम ! लिख दे ना।
कहते है इन्सान की पहचान उसके नाम से होती है कहते है पहचान उसके जनम से मिलती है कहते है पहचान उसके ... कहते है इन्सान की पहचान उसके नाम से होती है कहते है पहचान उसके जनम से मिलती है ...
अनोखी गजब कहानी है जिंदगी हँसती फूलों की रवानी है जिंदगी। अनोखी गजब कहानी है जिंदगी हँसती फूलों की रवानी है जिंदगी।
आप इसके साथ क्या करते हैं यह आपके ऊपर है। आप इसके साथ क्या करते हैं यह आपके ऊपर है।
अपनी मनमानी की खातिर मौत से पहले मौत को दावत दे रहे हैं अपनी मनमानी की खातिर मौत से पहले मौत को दावत दे रहे हैं
देव संस्कृति का जिसनें, किया जगत उत्थान। देव संस्कृति का जिसनें, किया जगत उत्थान।
मिटाने वसुधा का कष्ट, तैयार हैं हम, तैयार हैं हम।। मिटाने वसुधा का कष्ट, तैयार हैं हम, तैयार हैं हम।।
कलम की स्याही भी साहस से भरकर उबलती है! कलम की स्याही भी साहस से भरकर उबलती है!
सांसो का थम जाना, जीवन का भ्रम होना, किसको पता है ! सांसो का थम जाना, जीवन का भ्रम होना, किसको पता है !