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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Comedy

ऑनलाइन प्रेम

ऑनलाइन प्रेम

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एक दिन एक हसीना हमें ऑनलाइन मिली 

उसे देखकर मेरे दिल की कली खूब खिली 

देखने में वह श्रीदेवी से भी सुंदर लग रही थी 

उसके अधरों पे कातिल मुस्कान सज रही थी 

हम भी उसके इश्क के दरिया में बह गये 

उसके रीचार्ज वगैरह के खर्चे भी सब सह गये 

पर ऑनलाइन मुलाकातों से काम नहीं चलता 

उसे देखने, छूने, मिलने को ये दिल है मचलता 

एक दिन हमने अपने दिल की बात उससे कह दी 

एक पंचसितारा होटल में एक मुलाकात रख दी 

तब जाकर पता चला कि सब कुछ झोल झाल है 

"नर्गिस" के वेश में ये कोई "नटवरलाल" है 

उस दिन कसम खा ली कि ऑनलाइन प्रेम नहीं करेंगे 

ऑफलाइन वाली से ही प्रेम का इजहार करेंगे 

ऑनलाइन प्रेम में बहुत खतरा है यारो 

पता ही नहीं लगता है कि सामने प्यारे है या है पारो।



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