Pushpa Pande

Abstract

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Pushpa Pande

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नया शहर

नया शहर

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हर शहर में होता है। 

तंग सी गलियों में

एक पुराना सा शहर। 

वहां होते पुराने बरगद

नीम के पेड़ों की ठंडी छांव। 


वहां होते पुराने मंदिर

चौपालों के चबूतरे। 

अधेड़ माँ बाप अपने

बच्चों की कुछ बनने की चिंताएं लिए हुए। 

पूरी तरह चेहरे पर उतरती भावनाएं। 

पतझड़ सी दिखती। 

दुःख और चिंताओं की घटाए। 

सोचते जैसे पुराना बीत गया। 

नया भी बीत ही जाएगा। 

   


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