नन्हीं आशा
नन्हीं आशा
दिल में है यह हौसला बुलन्द
नहीं रहेँगे अब घर में नजर बन्द
फिर जाएँगे आपनी कक्षा
और बदल जाएगा खुशी से हमारे चहरे का नक्शा
दोस्तो से फिर मिलकर आएगा आनंद भरपूर
अध्यापक अध्यापिका से मिलकर बढ़ जाएगा हमारे
चहरे का नूर फिर होगी सुनसान रास्तों में चहल पहल
सभी जाएँगे देखने नदी पहाड़ महल
मास्क उतार फिर दिखेगी चहरों की मुस्कान
यार दोस्तोँ के साथ मिलकर फिर खाएंगे पकवान
घूमेंगे फिरेंगे फिर लगेंगे खुशियों के मेले
फिर दिखेंगे बच्चे बगिया में झूलते हुए झूले
यह है मेरे मन की नन्हीं आशा
जल्द पूरी होगी मेरी यह अभिलाषा।
