नदी
नदी
जब उच्च शिखर को पाने की,
होड़ पूरे जग में हो,
तब शिखर छोड़ कर बहते रहना ,
कोई छोटी बात नहीं।
रिस- बहकर जीवन प्रदान कर,
शस्य- श्यामला कर धरती को,
कोटि संस्कृति का पोषण करना
नदियों का छोटा काम नहीं।
इतिहास बने- बिगड़े जहां पल- पल,
वो तट उलेखित अनेकों हैं,
बस किंचित जलधारा समझ भर लेना,
कोई अच्छी बात नहीं।