STORYMIRROR

shahab uddin

Inspirational

4  

shahab uddin

Inspirational

नात ए मुबारक

नात ए मुबारक

1 min
239


कौ़म बांटी गई बख़्त बांटे गए

फिर अमीरों में ताजो तख़्त बांटे गए 


ये सियासत अमां कितनी मजबूर हैं

चिड़ियों से दुश्मनी में दरख़्त काटे गए 


एक अंधा की वजह से चुकी हिर्स में

कितनी मांओं के लाल ओ लख़्त काटे गए


खु़द को शाबाशियां फिर हुकूमत ने दीं

कितने लम्हे ग़रीबों में सख़्त काटे गए


शाह ग़मगीन है फलसफे़ मिट चुके

ज़िन्दगी की तरह वक़्त काटे गए।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational