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shahab uddin

Others

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shahab uddin

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नात

नात

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जिस जगह पर हदे फ़िरदौस का जी़ना होगा

मुझको लगता है वहीं नक्शे मदीना होगा


नामे महमूदे नबी की है सिफ़ारिश मक़बूल

ऐसा एज़ाज़ किसी का भी कहीं ना होगा


उनकी यादों में निकलते हैं हमारे आंसू

एसी की़मत का कोई क्या ही नगीना होगा


सारे यारों की जमी होगी अनोखी महफ़िल

हौज़े क़ौसर पे जमा उनका सफ़ीना होगा


उनको देखेंगे तरह के हैं अकेले हाशिम 

ज़िक्रे लब पुर नशीं महफ़ूज़ ये सीना होगा


शाह जाऐंगे वही लोग जो क़ाबिल होंगे

हस्बे जन्नत की तरह जिनका करीना होगा।


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