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shahab uddin

Others

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shahab uddin

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यादें

यादें

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और इक मौसमे बहार गया

दिल गया था ही क़रार गया


आदमी का सफ़र हुआ पूरा

जाते जाते कोई पुकार गया


छोड़ कर फिर ख़्याल जन्नत का

 कोई और कूए यार गया


दिल नशीं था आदावर वो था

जैसे लाखों दिलों का प्यार गया


चांद आग़ोश़ में चमकते हुए

चांदनी साथ में हिसार गया


ऐसे जाता भी है भला कोई

जैसे वो दीवाना वार। गया


शाह ऋषि था सुनहरी यादों में

अपना सब कुछ यहीं पे वार गया


अभिनेता Rishi_Kapoor_ji की

स्मृति में...


डूब जाते हो तुम कहानी में

अब तो क़िरदार से निकल आओ


हम दोबारा करेंगे इसको फिर

जामे मुरदार से निकल आओ


बोलती हैं निगाहें  तेरी  तो

जाने रुख़्सार से निकल आओ


इतना आसान भी नहीं एहसास

सुर्ख़ ‌ अम्बार से निकल आओ


तालियां मुन्तज़र हैं सच में अब

मौत के प्यार से निकल आओ


बस करो भी ये अपना पागलपन

अपने शाहकार से निकल आओ


 अस्ल की तर ह करो ना तुम

शाह मीआर से निकल आओ


अभिनेता Irrfan की स्मृति में...


दिल दुखा है चलो माना मैंने

रूठ कर ऐसे कोई जाता है


ज़िन्दगी मान भी लो यारों तुम

ज़िन्दगी जिसको कहा जाता है


यूं मुनासिब नहीं छोड़ के जाना भी

दर्द ताउम्र सहा जाता है


यार रो लेते कभी तुम यूं ही

दर्द रो लो तो चला जाता है


तन्हे तन्हा नहीं बनती दुनिया

इसकी ख़ातिर तो सहा जाता है


जाने फ़ानी ए जहां के बदले

आदमी जाने कहां जाता है


 शाह कब इतनी बड़ी है दुनिया

इसकी ख़ातिर न मिटा जाता है


अभिनेता Sushant Singh Rajput की

स्मृति में...



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