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Debaki Behera

Abstract

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Debaki Behera

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नारी

नारी

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नारी नारी है कोई खिलौना नहीं

तोडना मोड़ना छोड़ दो l

नारी नारी है कोई चीज नहीं

मोलभाब करना छोड़ दो l

नारी नारी है कोई चुइंगम नहीं

खाकर फेंकना छोड़ दो l

नारी नारी है कोई जानवर नहीं

उसे दर्द देना छोड़ दो l

नारी नारी है कोई वस्तु नेही

तोल परोखना छोड़ दो l

नारी नारी है कोई माल नहीं

यूं निहारना छोड़ दो l

नारी नारी है कोई पत्थर नहीं

हथौड़ा मारना छोड़ दो l

नारी नारी है कोई फूल नहीं 

उसे मसलना छोड़ दी l

नारी नारी है कोई जख्म नहीं

यूं नमक छिड़कना छोड़ दो l

नारी नारी है कभी अबला नहीं

उसे दुर्बल सोचना छोड़ दो l

नारी तो बस नारी है

बस यह सोचना छोड़ दो l



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