नारी तेरे रूप अनेक
नारी तेरे रूप अनेक
मां, बहन, पत्नी, बेटी
सब में समाहित एक
कर्तव्य पूरा करने में
नारी तेरे रूप अनेक।
लक्ष्मी, दुर्गा एवं शारदा
धन, शक्ति, बुद्धि दाता
तुम्हारी कृपा दृष्टि से ही
जीत से फूला न समाता।
देवकी,यशोदा,पार्वती
कृष्ण, गणेश को पाला
राधा मीरा का प्रेम वैराग्य
गौरी बन शिव को संभाला।
रानी लक्ष्मीबाई का साहस
पदमा,दुर्गावती का पराक्रम
सीता व उर्मिला का त्याग
महादेवी बसती पाठ्यक्रम।
नारी गर्भ में विकसित हुए
सूर, कबीर और रसखान
पुतली,जीजाबाई,पन्ना के
पूरे हो गए सब अरमान।
बछेंद्री, कल्पना की उड़ान
इंदिरा की संकल्प शक्ति
ऐश्वर्या रॉय की सुंदरता
लता की देखी सुर भक्ति।
सरोजिनी, टेरेसा, बेदी
समाज को दिया आकार
उषा,सिंधु,साइना,सानिया
ग्राउंड के बने कलाकार
कवियों के हृदय में बसती
हर गुण से तुम्हारा नाता
कार्य और कामयाबी का
इतिहास गाता गौरव गाथा
भूत, वर्तमान एवं भविष्य
सब में निराली पहचान
तुम्हारे निष्काम कर्मों को
याद रखेगा सारा हिंदुस्तान।