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Sandeep Murarka

Inspirational

4  

Sandeep Murarka

Inspirational

नारी की पीड़ा

नारी की पीड़ा

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नारी की पीड़ा समझने के लिये , 

स्वयं नारी बनना पड़ता है ।

भगवती लक्ष्मी को भी सीता बन कर , 

धरती पर उतरना पड़ता है ।

दो साल की नव विवाहिता को वनवास, 

जँगल में भटकना पड़ता है ।

भगवान श्रीराम की पत्नी होने पर भी , 

राक्षस के घर रहना पड़ता है ।

सती साध्वियों को भी इस धरती पर , 

अग्नि परीक्षा से गुजरना पड़ता है ।

हर परीक्षा, गवाह , सबूतों के बाद भी , 

घर से निकलना पड़ता है ।

और फिर , फटती है छाती नारी की जब , 

धरती को भी फटना पड़ता है ।

नारी की पीड़ा समझने के लिये , 

स्वयं नारी बनना पड़ता है ।



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