...नारी एक समर्पण
...नारी एक समर्पण
नारी के मनोभाव का सच और विश्वास है
नारी महिला स्त्री के बस नाम ही सम्मान है
औरत कहकर न तुम पराया न बनाना है
जीवन में हिम्मत और जुनून का साथ है
जन्म देना और पालन करना संस्कार है
धरती गंगा और यमुना सरस्वती नाम है
हम सभी नारी स्वरुप में करते पूजन है
उत्सव नारी के लिए हम सभी मनाते है
आज उन्मुक्त विचारों के संग सोच है
आधुनिक रुप में हम बढ़ चढ़ रहे है
सच तो नारी की चाहत हम सबको है
आओ हम नारी के मन मंथन बन जाते है
सच की पहचान नारी को आज बतानी है
हम सब समझे और निभाए निस्वार्थ भाव है
जीवन में समर्पण और शरीरिक आकर्षण है
बस एक सोच मन में बेचारी की हम रखते हैं
नारी माँ बहन बेटी और पत्नी अन्य नाम है
आओ हम सभी मातृ वंदन के संग साथ है
मान सम्मान और मर्यादा की सोच रखते हैं
नारी तुम श्रद्धा और विश्वास संग अर्पण है
आओ हम आज नारी का अंतर्मन बनते हैं
नारी दिवस को हम संकल्प शक्ति मानते हैं
नारी का सम्मान और अभिमान हम समझते हैं।