Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Ram Binod Kumar 'Sanatan Bharat'

Inspirational

4  

Ram Binod Kumar 'Sanatan Bharat'

Inspirational

पवित्र रिश्ता

पवित्र रिश्ता

2 mins
318


    

रिश्ते तो है, सारे ही पवित्र,

इनमें तो कोई शक नहीं है।

हम ही पवित्र रिश्ते को,

कभी अपवित्र कर देते हैं।

कोई भी रिश्ता प्रेम- समर्पण,

विश्वास और भरोसे पर टिका हो।

है वह सभी पवित्र रिश्ता ही,

प्रेम का मतलब केवल,

स्वार्थ-मतलब और वासना नहीं,

एक दूसरे का पूरा रखें ख्याल भी।

कभी बंधी होती है हमारी उनसे,

अपनी आंखों पर भरोसे की पट्टी।

फिर कभी टूटता है वह भरोसा,

रिश्ते भी कभी तार-तार होते हैं।

कभी हम मोह-वश समझ नहीं पाते,

सामने वाले की स्वार्थ-कामना को।

फिर धोखा खा कर पछतातें हैं,

गमों से फिर कभी पार नहीं होते हैं।

कभी तो क्षणिक-आकर्षक आनंद में,

वास्तविकता को भी समझ नहीं पाते।

फिर समय बीतने पर, सिर - धुनते,

पछताते और गमों में डूब जाते हैं।

अकेलापन दूर करने को करते हैं दोस्ती,

फिर धीरे-धीरे खुद ही प्यार हो जाता है।

फिर एक दूसरे का सदा इंतजार,

कभी सहमति फिर कभी इंकार।

मिलने- बिछड़ने का सुख- दुख,

समय की बर्बादी ,सपनों की उड़ान।

न दिन-रात की चिंता, न कोइ चैन,

न सोने की चिंता, न स्वास्थ्य की परवाह।

ऊर्जा की बर्बादी, शक्तियों का हरण।

एक- दूसरे की भले-बुरे की भी खबर नहीं,

बस ! अपनी ही धुन में सदा लगे रहना।

चोरी- छुपे और अपनों से झूठी जिंदगी,

असंभव को भी संभव करने की जुनून,

अपनों से झूठ बोलना, सारा सत्यानाश।

अपनी पढ़ाईयां चौपट,बस असफलता,

फिर कभी सच्चाई की पोल खुलना ।

फिर आंखों शर्म-जिल्लत का पर्दा हटना,

अपनों से विद्रोह,अरमानोंपर पानी फेरना।

फिर इस झूठ- फरेब और स्वार्थ से ,

कई रिश्तों का एक साथ तार-तार होना।

न बढ़ाएं ऐसे रिश्ते, रखे इसे एक सीमा में,

सबकी सहमति से ही इसे बढ़ाएं,

सबका लें फिर दिल से आशीर्वाद।

हर रिश्ते को बनाए पवित्र रिश्ता,

इसे एक प्यारा सा नाम दें,

निभाए उम्र भर साथ - साथ।

भरोसा अपनों का सदा कायम रखें,

क्योंकि कोई एक, नहीं कई अपने हैं,

जो केवल, आपके लिए ही जीते हैं।

उनके अरमानों का भी रखें ख्याल,

हर पवित्र रिश्ता सदा ही बनाए रखें,

बड़े ही प्यार से इसे रखें संभाल कर।

रिश्ते को हम कभी तार-तार ना करें,

और सभी रिश्ते निभाएं बखूबी ।

किस-किस का नाम लूं आप भी बनाएं,

केवल एक ही नहीं, सभी को निभाएं।

हर पवित्र रिश्ता को सदा बनाए रखे।



Rate this content
Log in