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Sarita Sawant Bhosale

Abstract

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Sarita Sawant Bhosale

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नादान दिल

नादान दिल

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कल भी दिल नादान था आज भी दिल थोडा नादान है

कल भी दिल बच्चा था आज भी दिल बच्चा है

आदते कुछ अच्छी बुरी कल की तरह आज भी है

गुस्ताखियाँ दिल की कल की तरह आज भी है

हार को सामने देखके जितने का जज्बां आज भी वही है

कुछ भी तो नहीं बदला हममें

बस्स दुनिया ने उमर के सांचे में ढाल के

जिंदगी का नजरिया ही बदल दिया है!

 



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