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मुठ्ठी में है आसमान

मुठ्ठी में है आसमान

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रुको मत बस चलते जाओ

भरो ऐसी एक उड़ान

हो मुठ्ठी में दुनिया सारी

जीत लो सारा आसमान।


है तुझमे सूरज सा आग

तू खुद है विकास का मार्ग

मेहनत कर दिखा दे सबको

है तू शिव का नाग।


परिश्रम बिन न मिली सफलता

ना ही मिला सम्मान

हो मुठ्ठी में दुनिया सारी

जीत लो सारा आसमान।


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