मुश्किलों से ना घबरा
मुश्किलों से ना घबरा
जो जितना यहां खुद को तपाता है
वो उतना ही खरा सोना बन जाता है।
मुश्किल से घबराने वाला शख्स कहां
खुद को साबित कभी कर पाता है।
कहने को तो कुम्हार बर्तन हजार बनाता है
टिकता वही जो तेज आंच सह जाता है।
शिक्षक हर बच्चे में ज्ञान का प्रकाश जलाता है
सफल वही होता जो खुद को तपाता है।
कहने को तो कृषक लाखों बीज उगाता है
पर कहां हर बीज नवजीवन पाता है।
जो हवा, पानी और सूरज के थपेड़े सहता है
वही बीज पौधा बन शान से लहराता है।
जो जितना विपरीत परिस्थिति को सहता है
वो उतना ही सफल कहलाता है।
चंद मुश्किलों से डरने वाला शख्स
कब कोई इतिहास यहां रच पाता है।