मुसाफिर
मुसाफिर
वक़्त बीतते देर नही लगती,
चले जा मुसाफिर तू आगे,
छोढ़ आया जिस तूफान को तू पीछे,
कहीं आ ना जाए वो तेरे आगे!
हक़ीक़त है की थक रहा तू,
जो जान बची, उसे निचोड़ चल आगे!
बढ़ना है ज़िंदगी की ज़रूरत,
तो चले जा मुसाफिर तू आगे!!
वक़्त बीतते देर नही लगती,
चले जा मुसाफिर तू आगे,
छोढ़ आया जिस तूफान को तू पीछे,
कहीं आ ना जाए वो तेरे आगे!
हक़ीक़त है की थक रहा तू,
जो जान बची, उसे निचोड़ चल आगे!
बढ़ना है ज़िंदगी की ज़रूरत,
तो चले जा मुसाफिर तू आगे!!