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Dr Chhedi Sah

Inspirational

5.0  

Dr Chhedi Sah

Inspirational

मुक्तक

मुक्तक

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संकट में भी प्रभु की याद कर लेता हूँ,

कल्पना के आसमाँ में विचरण कर लेता हूँ

बात आती है जब मुक्ति की

स्वामी के चरणों को चूम लेता हूँ।

      


गर गुरु के हृदय को दुखाएगा

शांति के गीत न गा सकोगे,

गुरु के चरणों की वंदना कर ले

फिर से वक्त न हाथ आएगा।



गुरु से जीवन में मान मिलता है

बिन गुरु जीवन वीरान होता है,

बिन सहारे आदमी जी नहीं सकता

कभी सहारा ही आदमी का भगवान होता है।

  


गर सूखी नदी है तो जल भी होगा

गर उजाला है तो अँधेरा भी होगा,

सूने आसमाँ में तू क्यों भटकता मुसाफिर

गर उजड़ी है दुनिया तो बसेरा भी होगा।।       

 


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