मुखौटों की आड़ में...
मुखौटों की आड़ में...
बहुत लोग मिलेंगे इस दुनिया में
झूठी दोस्ती का हाथ बढ़ाने वाले
आप की सलामती की दुआ तो चंद लोग ही करेंगे
बाकी सब तो आप के गिरने का इंतजार करेंगे
सराहना तो आपकी चंद लोग ही करेंगे
बाकी सब तो बस पीठ पीछे बातें करेंगे
मुश्किल घड़ी में तो बस चंद लोग ही होंगे
बाकी तो सब बहाने बना रहे होंगे
ऐसा नहीं सच्चे दोस्तों की कमी है इस दुनिया में
वह तो कल भी थे आज भी है और कल भी होंगे...
कसौटी बस इतनी ही है
परखना है हमें उनको मुखौटों की आड़ में...!