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Shrikrut Kuraware

Inspirational

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Shrikrut Kuraware

Inspirational

मुझे कुछ मिला नहीं

मुझे कुछ मिला नहीं

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ज़िन्दगी की उलझनों ने मुझे थकाया,

रुलाया, हराया इसका मुझे गिला नहीं।


कभी न रहता शोकमग्न मैं और न ही करता शिकायत

ज़िन्दगी से की मुझे कुछ मिला नहीं। 


अनेक दुखों, कष्टों व अनिश्चितताओं के बाद भी

अपने सदमार्ग से मैं हिला नहीं।


मैं नव वसंत का वह पुष्प हूं जिसमें

कई गुण व रंग, पर अब तक वह खिला नहीं।


सदैव सबके प्रति तत्पर रहा पर

मिली घृणा, क्या यह बुरा सिला नहीं।


ज़िन्दगी की राह ऊंच - नीच भरी रही,

पर दर्शाया " मेरा मार्ग पथरीला नहीं"


कई दुखों व विकारों ने मुझे तोड़ना चाहा,

पर तनिक भी मैं पड़ा ढीला नहीं।


मैं वह कठोर पत्थर, जो अनेक चोट पड़ने पर

बेअसर, वह आसानी से टूटने वाली शीला नहीं।

परिश्रम करने पर भी फल चाहे पर्याप्त मुझे मिला नहीं।


आत्म - विश्वास से भरपूर, कठिनाइयों को

लांघता मुझ सा कोई जोशीला नहीं।


अतः कभी न रहता शोकमग्न मैं और न ही करता

शिकायत ज़िन्दगी से, मुझे कुछ मिला नहीं।


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