मुझे छोङ दो.....
मुझे छोङ दो.....
कभी तो मुझे छोड़ दो
रोज मै सुनती हूं,अपने लिए,
बेबुनियाद बातें, कभी मेरे बारे में
सच्ची बात भी को भी
अपने ख्यालातों मे जोड़ लो
बहुत बहस कर ली तुमनें, अब
मुझे छोड़ दो
हमेशा मुझे ही कोई चुनती हो,अपनी
बातों का शीर्षक, कभी कभार अपनी
बात भी कर लो,
सुनो, कभी तो मुझे छोड़ दो
कभी तो सच्चाई को लेकर भी,
मेरी बुराई करना छोड़ दो,
कभी तो तुम चुप हो जाओ,और
आंखै खोलना सीख लो,
कभी तो मेरी सच्चाई पर गौर करो,
मुझे अपनी दोस्त समझ कर।