मोहब्बत करके देखते हैं
मोहब्बत करके देखते हैं
सोचा हमने भी चलो अब मोहब्बत करके देखते हैं
बहुत सुना अब इस अंजाम में पड़ के देखते हैं।
जानता हूं मुश्किल होगा यह थोड़ा फिर भी
चलो उसकी ओर जरा बढ़ के देखते हैं।
तो भी क्या हुआ दुनिया गर है खिलाफ
मैं और तुम इस दुनिया से लड़ के देखते हैं।
जिसे अकेले बढ़ना है फिर वह बढ़ सकता है
क्यों ना हम दोनों साथ चल के देखते हैं।
जिसकी एक झलक के लिए तरसता था
चलो उसको आज जी भर के देखते हैं।
जो मेरी बातों को अपने से आगे रखता था
आज उसकी एक बात आगे रख के देखते है।
खफा बहुत हुए बस बस भी करो अब
आओ एक दूजे के गले लग के देखते हैं।
दुनिया लाख बुरी हो मगर हम तो "अकबर"
देखते भी तो जो यूं हंस के देखते हैं।