मंज़िल
मंज़िल
कुछ खोया जरूर है, अब कुछ पा कर रहेंगे
मंज़िल पे पहुँच कर ही चैन की सांस लेंगे..
माना की थोड़ा सा दिल टूटेगा,
माना की जिस्म भी घायल होगा,
त्याग-समर्पण से ही तो इतिहास बनेंगे !!
वक्त है बुरा तो क्या हुआ,
कायम वो रहा ये कब हुआ,
हमपर हँसने वाले, कल तुझ पे भी हँसेंगे !!
परेशानियों से हारना ना डर के,
जिंदगी का खेल खेलना तू डट के,
दम अगर बचेगा तो और भी लड़ेंगे !!