STORYMIRROR

Dr.Purnima Rai

Abstract

3  

Dr.Purnima Rai

Abstract

मनायें अलि होली

मनायें अलि होली

1 min
386


बोल के मधुर मीठी बोली,बना के भीनी भिन्न रंगोली

चला के तिरछे नयन गोली, भिगो के उज्ज्वल दामन चोली 

मनाएं अलि सुंदर सप्रेम होली.....


बिखेर के अबीर गुलाल रंग, खिला के नयी उमंग तरंग,

महका के चंचल गौर अंग,मचा के स्वच्छंद प्रिय हुड़दंग,

 मनाएं अलि उन्मुक्त शांत होली...


कर के मात-पिता पूजन, जोड़ के कर-कमल वंदन,

लगा के माथे तिलक चंदन, बदल के मन सोच चिंतन,

मनाएं अलि निष्कलंक होली.....



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract