मन मत हार
मन मत हार


चल उठ जा राही, मन मत हार !
है कठिन लहर जीवन तट की
रख हाथ हृदय सुन अपने मन की,
उठ चल, उठा तू पतवार।
चल उठ जा राही, मन मत हार !
मंजिल तेरी तक रही राह,
है जीत वहीं जहाँ है चाह,
सफलता के सभी खुलेंगे द्वार
चल उठ जा राही, मन मत हार !