STORYMIRROR

Tejasvi Mishra

Classics

4  

Tejasvi Mishra

Classics

मेरे प्यारे भैया

मेरे प्यारे भैया

1 min
58

मेरे बचपन की हर याद में तू है,

हर लड़ाई में और लाड़ में तू है।

तू है तो हर वक्त रंगीन लगता है,

यह रिश्ता थोड़ा मीठा, थोड़ा नमकीन लगता है।


लगता है.. तू हर शैतानी जानबूझकर करता है!

जो हम दूर हो जाएं तो यादों में आहें भरता है।

भरता है मेरे लम्हों को अतरंगी यादों से,

खिलखिलाहटों, अठकलियों और प्यार की बौछारों से।


बौछारों से तूने अपनी मासूमियत की,

मुझे कितनी बार सताया होगा।

होगा कोई कारण जो मां-बाप ने

तुझे कचरे से उठाया होगा,

यह कहकर ना जाने कितनी बार

मैंने तुझे चिढ़ाया होगा।


चिढ़ाया होगा तूने भी, हर

बार मेरा मज़ाक बनाया होगा।

लेकिन सुंदर है वह दृश्य जिसमें

हमने एक दूसरे को गले लगाया।

होगा वो समा बहुत प्यारा,


जब ईश्वर ने तुझे मेरे लिए बनाया होगा।

कभी ना छूटे हमारा साथ,

हर रक्षाबंधन मैंने यही मनाया होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics