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Apperna S

Abstract

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Apperna S

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मेरे हमसफ़र

मेरे हमसफ़र

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निकल पड़ी मैं अनजान राहों पर,

न कोई साथी, न कोई हमसफ़र।

निकली, आंखों में थोड़ा ड़र लेकर,

और दिल में हल्की सी उम्मीद भरकर।


तभी आया पवन धीरे मुस्कुराकर,

बोला, "चलो, चलते हैं साथ मिलकर।"

आया पक्षी प्यारा, इठलाकर, बोला,

"बना लो तुम, मुझे तेरा हमसफ़र।"


निकला सूरज मन्द- मन्द शर्माकर,

हंस पड़ा, लालिमा हर तरफ़ फ़ैला कर।

राह दिखाने मैं हूं तेरा 'मार्ग-दर्शक',

तो मत चलो तुम रुक रुककर।


बोली कलियां क्यारियों से सर हिलाकर,

हम भी हैं यहां, तेरे हमसफ़र।

मन उछल पड़ा इन हसीन वादियों को देखकर,

मदमसती से निकल पड़ी मैं उछलकर।


अपने इन हसीन साथियों को संग लेकर,

निकल पड़ी मैं अनजान राहों पर।


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