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AKIB JAVED

Abstract Inspirational

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AKIB JAVED

Abstract Inspirational

मेरे घर का भी छप्पर देख लेना

मेरे घर का भी छप्पर देख लेना

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मेरे तुम दिल के अन्दर देख लेना।

कभी ग़म का समन्दर देख लेना।।


ख़ुदा तूफान फिर लाने से पहले।

मेरे घर का भी छप्पर देख लेना।।


मेरे दिल से जुदा जब से हुए वो।

इन्हीं आँखों में पत्थर देख लेना।।


गिरेंगे  चाहने  वाले भी तेरे।

कभी ज़ुल्फें हटाकर देख लेना।।


गज़ब का ही सुकूँ हैं आशिक़ी में।

कभी तुम दिल लगाकर देख लेना।।


जुदाई ज़ीस्त की हमदम रही है ।

इसे इक बार जीकर देख लेना।।


तड़प होती हैं क्या आकिब' ये समझो।

कभी सहरा में रहकर देख लेना।।



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