Shamim Shaikh
Abstract
आसमान में धीरे धीरे चलते हैं
जाने किस ओर
कर लो चाँद फ़...
जन्म दिन मुबा...
परिश्रम ही पू...
बचपन का सफ़र!
मुकम्मल मौत
ईद आने वाली ह...
हॅपी बर्थ-डे ...
वन्दे मातरम!
आए थे इस मकसद से कि तुम को अपना बनाऊँ "नीरज" को चरणों में रखना तो तेरा काम है।। आए थे इस मकसद से कि तुम को अपना बनाऊँ "नीरज" को चरणों में रखना तो तेरा काम है...
अब 12 वर्ष के बच्चों में बचपना नहीं रहा वो अपने निर्णयों के लिए आत्मनिर्भर हो चुके है अब 12 वर्ष के बच्चों में बचपना नहीं रहा वो अपने निर्णयों के लिए आत्मनिर्भर ह...
एक तिनका भी बचा नहीं पाया मै , उसने बड़ी फुरसत से यह दुकान लूटी है .. एक तिनका भी बचा नहीं पाया मै , उसने बड़ी फुरसत से यह दुकान लूटी है ..
जीवन के इस रंगमंच पर, जाने कितने किरदार मिले। जीवन के इस रंगमंच पर, जाने कितने किरदार मिले।
दया सहनशीलता बिन कैसे रहे प्यार, प्रेम रूपी गागर में जीवन दें वार। दया सहनशीलता बिन कैसे रहे प्यार, प्रेम रूपी गागर में जीवन दें वार।
हर रिश्तें की परछायीं फासलों में घुली सी हैं हर रिश्तें की परछायीं फासलों में घुली सी हैं
मन के तहखाने में उतर कर कभी देखना, कुछ बचपन की चंचलता चपलता दिखेगी, मन के तहखाने में उतर कर कभी देखना, कुछ बचपन की चंचलता चपलता दिखेगी,
तेरे कारण देश प्रगति पथ पर हुआ अग्रसर, देश की अपनी भाषा, आने नहीं देती निराशा। तेरे कारण देश प्रगति पथ पर हुआ अग्रसर, देश की अपनी भाषा, आने नहीं देती निराशा...
मैं पसरा हूँ नभ में तारों सा । या धरा पर तृण प्रसारों सा। मैं पसरा हूँ नभ में तारों सा । या धरा पर तृण प्रसारों सा।
आपका जन्म बताता, नामुमकिन कुछ भी नहीं, आपका जन्म बताता, नामुमकिन कुछ भी नहीं,
प्रेम रहे हर दिल मे उनके लिए, सबके लिए वो खास बने। प्रेम रहे हर दिल मे उनके लिए, सबके लिए वो खास बने।
हूँ बहुत आभारी सभी जो मेरी निद्रा भग्न की कर दिया सतर स्तंभित जो पड़ी थी लोथ सी. हूँ बहुत आभारी सभी जो मेरी निद्रा भग्न की कर दिया सतर स्तंभित जो पड़ी थी लोथ स...
होठों पर प्रीतम का नाम रहे, गुजरे सुबह और शाम। होठों पर प्रीतम का नाम रहे, गुजरे सुबह और शाम।
आसान नहीं हर रोज़ गुस्सा पी जाना आसान नहीं हर तकलीफ दबा जाना आसान नहीं हर रोज़ गुस्सा पी जाना आसान नहीं हर तकलीफ दबा जाना
उमा पुत्र प्रभु गणपति बप्पा। सर्व सुखों के पूरण कर्ता।। उमा पुत्र प्रभु गणपति बप्पा। सर्व सुखों के पूरण कर्ता।।
जब आसान हो तो जिंदगी का कौन सा रंग? कौन से संगीत की धुन प्रिय है जरा बताना, जब आसान हो तो जिंदगी का कौन सा रंग? कौन से संगीत की धुन प्रिय है जरा बताना,
ज्वार का यादों के जब सहना हो मुश्किल, भाटा लाने अनंत सुखद अनुभूति का, ज्वार का यादों के जब सहना हो मुश्किल, भाटा लाने अनंत सुखद अनुभूति का,
मिठास घुले जीवन डगर में मिश्री समान। मिठास घुले जीवन डगर में मिश्री समान।
हर भाषा की प्राण अपनी हिन्दी ही भ्राता हर भाषा की प्राण अपनी हिन्दी ही भ्राता
औरों के घर को आग लगे तो लगे मेरे यहाँ चूल्हा बुझना नहीं चाहिए। औरों के घर को आग लगे तो लगे मेरे यहाँ चूल्हा बुझना नहीं चाहिए।