मेरे देश के वीर जवान
मेरे देश के वीर जवान
यूं ही नहीं मेरे देश का तिरंंगा
इतने शान से लहराता है
कितने ही वीर सपूतों के
बलिदान की गाथा गाता है
चाहे कैसे भी भीषण हो हालात
इस देश का बेटा टकराता है
सर्दी, गर्मी, बर्फ और बारिश
नहीं किसी से घबराता है
तब जाकर मेरे देश का तिरंगा
इतने शान से लहराता है
जीवन का यौवन, घर का वो आंगन
वो फर्ज के नाम कर जाता है
होली, दिवाली हो या कोई त्यौहार
सरहद पर ही उसे मनाता है
तब जाकर मेरे देश का तिरंगा
इतने शान से लहराता है
अपने परिवार की खुशियों को
वह ताक पर रखकर आता है
जीवन का मोह नहीं करता
और लहू से सनकर घर आता है।
तब जाकर कोई देश का मुखिया
बड़े शान से इसे फहराता है।
