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Monica Pandey

Abstract

4.0  

Monica Pandey

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मेरा प्रिय पेय चाय

मेरा प्रिय पेय चाय

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यह शाम ढल जाए पर रात ना आए 

बस एक चाय मिल जाए और जोश चढ जाए।


जब सर थका लगे और पढ़ा भी ना जाए

जब आंख मूंदे और लिखा भी ना जाए


बस एक चाय मिल जाए और फिर जोश चढ़ जाए

दो कप चाय हो तू मेरे साथ हो


कोई फिर मेरे पास आए नाा आए

बस एक चाय मिल जाए फिर जोश चढ़ जाए।


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