मेरा अतीत
मेरा अतीत
आज सिर्फ परत पर नहीं,
कुछ और अंदर जाकर सोचते है।
मेरा अतीत जो मंजिल तक पहुंचने नहीं देता,
उसे अलमारी मे ब॔ध कर देते है।
मैं आगे ही बढ़ता जाऊँगा रुकूँगा नहींं।
अलमारी को खोलुगा नहीं,
पीछे मुड़कर देखुगा नहीं।
मेरा अतीत मे भुल चूका हु,
अपने आप से लड रहा हु।
अतीत की यादों मे अब समय गवाना नहीं।
अपने अतीत के दर्पण मे अब अपना चेहरा मे देखता नहीं।
अश्क की बारिश मे अब भीगना नहीं,
अतीत की हवा के सामने अब झुकना नहीं।
अतीत के पन्नों पर अब गजल नई कोई लिखना नहीं,
मृदुल मन सफलता की सीढ़ी पर बढ़ते हुऐ,
मेरा अतीत याद करता नहींं।