मेहनती शिष्य
मेहनती शिष्य
मैं एक नाचीज़ हूं बड़ी कोई चीज बनना चाहता हूं,
प्रस्फुटित हो जो ज़मीं को चीर के, वो बीज बनना चाहता हूं.....
अभी तो मंजिल जैसे दूर है, खंडहर पड़े सब रास्ते,
पैर सरपट दौड़े मेरे नित, मेहनत से अजीज बनना चाहता हूं.....
