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Shivam Pareek

Abstract Inspirational

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Shivam Pareek

Abstract Inspirational

मौत आयी उसकी मुस्कान को भी मौ

मौत आयी उसकी मुस्कान को भी मौ

2 mins
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2 लाख मौते Under the age off 5 .

15 milon girls Have faced forced sex 

हर 5 मिनट में भारत में एक रेप होता है 

हर तीसरी लड़की के साथ कोई ना कोई

Physical Harassment होता है ,

मौत आयी है उसे कई बार एक बार नहीं 100 बार 

कभी मारा उसे समाज ने तो कभी उन्हीं के रिवाज ने 

कभी मरी है वो दहेज के जहर से तो कभी जली है

उसी के कहर से बाप ने कभी दुनिया

दिखा के मारा तो मारा कभी माँ कि कोख में 


आड़ ली मौत ने कभी मर्दानगी कि तो छुपी

कभी एक तरफ़ा चाहत कि चादर में जिंदा रह कर 

जिंदा रह कर भी मरी है वो यारों

जब बनी थी शिकार किसी कि हवस कि 

जलाया गया उसे कभी सती बनाकर तो

मौत गई कभी उसे निर्भया बनाकर 


मरी उस पल भी थी जब हर लिया था चीर उसका

और मरी उस पल भी जब बिक गया शरीर उसका 

 ना देखी उसकी उम्र उन्होंने ना देखा कोई मंदिर मूर्त 

कौन कहता है राख सिर्फ इंसान होता है,

उसने तो ख्वाबों को भी मिट्टी में मिलते देखा है 

जिन आँखों में ख्वाब सजाये थे उन से अश्कों को बहते देखा है

सपने जले मिट्टी बने वो राख हुए वो खाख हुए

बंदे आँखों में वो जवाब ढुढने लगी खामोश रह गई,


नहीं समां जाता क्या हुआ 

मौत आयी उसकी मुस्कान को भी 

मौत आयी उसकी उड़ान को भी 

मौत आती रही वो मरती रही 

वो मारती रही वो सहती रही 

पूछ लिया एक बार उसने मौत से भी हर बार मरती मैं ही क्यूँ हूँ 

वो भी कह गई मुस्कुराके बेटी है तू बेटी है तू बेटी है तू।


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