STORYMIRROR

KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract

3  

KAVY KUSUM SAHITYA

Abstract

मौसम और सूरज

मौसम और सूरज

1 min
346

पूजन अभिनंदन श्रद्धा आराधन वंदन नमन भावों की सृष्टि सूरज कि भक्ति कि शक्ति का युग सारा।                

तमस मिटाते, युग जीवन में उजियारा लाते, सबको भाते, अवनी अंबर का अभिमान। 

   

उत्साह उमंग उल्लास ओज तेज दिनकर दिवाकर को प्रणाम।     

 अस्ताचल, उगताचल, चलताचल, हँसता चल भुवन भास्कर 

आशा विश्वास का संचार युग जीवन का प्रवाह।       


सौर्य सूर्य युग दंड का विधि विधान नित निरंतर का समय काल।             

आशा विश्वास का संचार प्रभा प्रभाकर युग जीवन का प्रवाह!    

आना जाना संध्या और प्रभात सौर्य सूर्य सत्कार !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract