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Nishant yadav Badayuni

Inspirational

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Nishant yadav Badayuni

Inspirational

मैं

मैं

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हो कोई भी हालात ना गुनाह करूंगा मैं,

छीन दूसरों की रोटी ना बुरा करूंगा मैं,

क्या होती है गरीबी तुम गरीबों से पूछो, 

सूखी रोटी की भूख ना अमीरों से पूछो,

भूख से बिलखती तस्वीरों से पूछो,

हाथों की मिटी हुई लकीरों से पूछो, 

ना देश के गद्दारों से सुलाह करूंगा मैं, 

छीन दूसरों की रोटी ना बुरा करूंगा मैं, 


नोचते हैं खींचते हैं गिद्धों के जैसे, 

कर दिए हैं घाव हजारों छिद्रों के जैसे, 

मुखारविंद प्यारा दिल दरिंदों के जैसे, 

ना उड़ने देते वो हमें परिंदों के जैसे, 

झुक जाए सर वतन का ना ख़ता करूंगा मैं, 

छीन दूसरों की रोटी ना बुरा करूंगा मैं, 


है कोई अपराधी कोई सजा पा रहा, 

आंसू बदले खेद की दवा पा रहा, 

है भूखे बच्चे मरने का डर सता रहा, 

घाव दे के खुद को शुभचिंतक बता रहा,

परेशानियों से डर के खुद को ना फ़ना करूंगा मैं,

छीन दूसरों की रोटी ना बुरा करूंगा मैं, 



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