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अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Inspirational

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अंजनी कुमार शर्मा 'अंकित'

Inspirational

मैं नारी हूँ

मैं नारी हूँ

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मैं नारी हूँ

ईश्वर का दिया हुआ अमूल्य वरदान

और जीवन की सर्जक

मैंने नहीं सीखा-

थकना, रुकना या हारना

नदी की तरह निरंतर बहती हुई

सुख-शांति के जल से

सींचती हूँ घर को

साथ ही,

पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर

घर की दहलीज से निकलकर

सँभालती हूँ दफ्तर को

और करती हूँ

अपनी भूमिका का निर्वहन

घर और बाहर दोनों जगह

क्योंकि मैं थकती नहीं, रुकती नहीं।


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