मैं खुलकर निखर जाऊँगी
मैं खुलकर निखर जाऊँगी
तराशेगा जितना तू मुझे ऐ खुदा,
मैं उतना खुलकर निखर जाऊँगी।
जितनी मजबूत तेरी चोट होगी,
विश्वास तुझ पर उतना मजबूत बनाऊँगी।
दे तू मुझे कोई भी किरदार,
जीवन के रंगमंच पर।
मैं हर किरदार में बेहतर भूमिका निभाऊँगी।
हैं अलग सबसे मेरे जीवन के कायदे,
उनसे मैं कभी ना कदम डगमगाऊँगी।
होगा गलत कोई रास्ता जब भी,
है विश्वास तू मोड़ेगा और मैं मुड़ जाऊँगी।
नहीं पसंद मुझे रँग बदलती दुनिया पर,
तेरी दुनिया है इसी में जीए जाऊँगी।
हैं चुनौतियां तेरी और,
मेरी ताकत भी है तेरी
मैं हमेशा लडूंगी और जीत जाऊँगी।
तरशेगा जितना तू मुझे ऐ खुदा,
मैं उतना खुलकर निखर जाऊँगी।
